धराली आपदा पर वरिष्ठ पत्रकारों की नज़र | सिर्फ़ प्राकृतिक त्रासदी नहीं

धराली की तबाही को वरिष्ठ पत्रकार सिर्फ प्राकृतिक आपदा मानने से इनकार करते हैं। उनके अनुसार यह जलवायु परिवर्तन, अव्यवस्थित विकास और राज्य की आपदा प्रबंधन प्रणाली की कमजोरियों का सम्मिलित परिणाम है। यह रिपोर्ट बताती है कि मीडिया जगत इस त्रासदी को किन नजरियों से देख रहा है।

देखिए Waqar Ahmed की ख़ास रिपोर्ट — पत्रकारों के अनुसार, पिछले एक दशक में उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं की आवृत्ति और तीव्रता दोनों बढ़ी हैं, जिसका सीधा संबंध जलवायु परिवर्तन और स्थानीय पर्यावरणीय असंतुलन से है। धराली जैसी घटनाएं चेतावनी देती हैं कि पहाड़ों के विकास मॉडल पर अब गंभीर पुनर्विचार का समय आ गया है। पूरी खबर देखने के लिए वीडियो पर क्लिक करें।