दुधवा में विश्व हाथी दिवस: 25 हाथियों का महाभोज और सम्मान समारोह

दुधवा टाइगर रिजर्व में विश्व हाथी दिवस पर 25 राजकीय हाथियों को सजाकर भव्य महाभोज कराया गया। गन्ना, गुड़, फल और सब्जियों से सजे भोज के साथ हाथियों के स्वास्थ्य परीक्षण के लिए शिविर भी आयोजित हुआ। इस अवसर पर सोनारीपुर रेंज के महावत इरशाद अली को ‘गज गौरव सम्मान’ से नवाजा गया।

दुधवा में विश्व हाथी दिवस का रंगारंग आयोजन, महावत को मिला राष्ट्रीय सम्मान

लखीमपुर खीरी | 12 अगस्त — दुधवा टाइगर रिजर्व में सोमवार को विश्व हाथी दिवस बड़े उत्साह और पारंपरिक अंदाज में मनाया गया। इस अवसर पर 25 राजकीय हाथियों को सजाया गया और उनके लिए गन्ना, गुड़, सेब, केला और अन्य मौसमी फल-सब्जियों से सजे महाभोज का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य हाथियों के संरक्षण और उनकी देखभाल के महत्व को रेखांकित करना था।

महाभोज और स्वास्थ्य शिविर
दिनभर चले समारोह में हाथियों के लिए विशेष भोजन की व्यवस्था की गई, जिसमें उनकी पसंद के ताजे और पौष्टिक आहार शामिल थे। इसके साथ ही पशु चिकित्सकों की टीम ने एक स्वास्थ्य शिविर लगाकर सभी हाथियों का परीक्षण किया और उनके पोषण व देखभाल से संबंधित सुझाव दिए।

जागरूकता कार्यक्रम और सहभागिता
दुधवा के गौरीफांटा और अन्य वन रेंजों में इस अवसर पर जागरूकता कार्यक्रम और गोष्ठियों का भी आयोजन किया गया। वन विभाग के अधिकारियों ने स्थानीय समुदाय को हाथियों के संरक्षण, मानव-हाथी संघर्ष की रोकथाम और पर्यावरण संतुलन में उनकी भूमिका के बारे में जानकारी दी।

गज गौरव सम्मान से सम्मानित महावत
इस मौके पर दुधवा के सोनारीपुर रेंज में कार्यरत महावत इरशाद अली को ‘गज गौरव सम्मान’ प्रदान किए जाने की उपलब्धि भी चर्चा का विषय रही। उन्हें यह सम्मान भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के व्याघ्र एवं हाथी परियोजना प्रभाग द्वारा कोयंबटूर, तमिलनाडु में आयोजित समारोह में दिया गया।

विश्व हाथी दिवस का महत्व
हर साल 12 अगस्त को विश्व हाथी दिवस मनाने का उद्देश्य हाथियों के सामने मौजूद खतरों — जैसे अवैध शिकार, आवास विनाश और मानव-वन्यजीव संघर्ष — के प्रति जागरूकता बढ़ाना है। दुधवा टाइगर रिजर्व जैसे संरक्षित क्षेत्र इन संकटग्रस्त जीवों के संरक्षण में अहम भूमिका निभा रहे हैं।

वर्तमान स्थिति
कार्यक्रम के बाद वन विभाग ने स्पष्ट किया कि ऐसे आयोजन आगे भी जारी रहेंगे, ताकि हाथियों की देखभाल के साथ-साथ स्थानीय समुदाय को भी संरक्षण प्रयासों में सक्रिय भागीदारी के लिए प्रोत्साहित किया जा सके। पूरी खबर देखने के लिए वीडियो पर क्लिक करें।