दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित एंग्लो अरेबिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल 1696 में एक मदरसा के रूप में शुरू हुआ था। मुग़ल दौर से लेकर अंग्रेज़ी शासन और आज़ादी के बाद तक इस संस्थान ने शिक्षा की मशाल थामे रखी। 1867 में इसके पुनः खुलने में सर सैयद अहमद ख़ान की अहम भूमिका रही। आज यह स्कूल आधुनिक और पारंपरिक शिक्षा का संगम है।
दिल्ली का ऐतिहासिक एंग्लो अरेबिक स्कूल: सर सैयद की दी हुई नई रौशनी आज भी बरकरार
दिल्ली, 11 अगस्त — पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक में स्थित एंग्लो अरेबिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल सिर्फ एक शैक्षिक संस्थान नहीं, बल्कि तीन सदियों से ज़्यादा पुराना एक ऐतिहासिक स्मारक भी है। 1696 में मुग़ल जनरल ग़ाज़ीउद्दीन ख़ान फ़िरोज़ जंग प्रथम द्वारा एक मदरसा के रूप में स्थापित यह संस्थान, समय के साथ कई दौरों और बदलावों का गवाह रहा है। पूरी खबर देखने के लिए वीडियो पर क्लिक करें।