मुजफ्फरनगर के कांवड़ मार्ग पर स्थित एक वैष्णव भोजनालय में कार्यरत कर्मचारी तज्जमुल उर्फ़ गोपाल ने पहचान छुपाने को लेकर सफाई दी है। उसका कहना है कि उसने होटल मालिक के कहने पर 'गोपाल' नाम बताया था, लेकिन जब वह पहचान पत्र नहीं दिखा सका तो कुछ हिंदू संगठनों ने उसके साथ कथित रूप से मारपीट की और जबरदस्ती की।
मुजफ्फरनगर के कांवड़ मार्ग पर स्थित एक वैष्णव भोजनालय में कार्यरत कर्मचारी तज्जमुल उर्फ़ गोपाल ने पहचान छुपाने को लेकर सफाई दी है। उसका कहना है कि उसने होटल मालिक के कहने पर 'गोपाल' नाम बताया था, लेकिन जब वह पहचान पत्र नहीं दिखा सका तो कुछ हिंदू संगठनों ने उसके साथ कथित रूप से मारपीट की और जबरदस्ती की। यह रिपोर्ट इस पूरे मामले की सभी पहलुओं से पड़ताल करती है — होटल मालिक की भूमिका, हिंदू संगठनों का पक्ष, पुलिस की भूमिका और पीड़ित की बात। क्या यह पहचान छुपाने की साजिश थी या रोज़गार की मजबूरी?